Thursday, February 25, 2010

आखिर रेल कर्मचारी कब होंगे काम के प्रति सजग............


अभी कुछ दिन पहले ही मेरा मन भोपाल में नहीं लग रहा था.........सोचा था घर को चला जाये तो थोडा मन लग जायेगा ................लेकिन रास्तेमें एक अजब बाकया हुआ ...............उस बाकये में मेरी भी गलत थी लेकिन रेलवे प्रशासन की लापरबाहीभी सामने आई ..................हुआ यु की ट्रेन से सफर करते समय दोपहर में ज्यादा गर्मी लग रही थी सोचा की जेकेट को उतार दिया जाये लेकिन क्या पता था की में जेकेट उतार नहीं रहा बल्कि रेलवे प्रशासन को दान में दे रहा हु .................उतारते बक्त में जेकेट ट्रेन में ही भूल गया ...............और जब तक मुझे दयां आया ट्रेन जा चुकी थी...............मैंने टी टी से कहा की मेरी जेकेट ट्रेन में ही रह गयी है और जहा बह रखी है उसकी लोकेसन ये है ......................तो पहले तो उन्होंने टिकिट की मांग की दिखाने बेपारबह बोले की आपकी जेकेट मिलने के चांस न के बराबर ही है .............या तो अगले स्टेशन पर रेलवे कर्मचारी जाएगे ही नहीं अगर जायेगे भी तो जेकेट को स्वयं ही रख लेंगे ................यह सुनकर मुझे हंसी भी आई और दुःख भी हुआ ....दुःख इस बात का की जब तक हमारे कर्मचारी सुधरेंगे नहीं तब तक हम एक सम्पन्न देश की कल्पना नहीं कर सकते........और हंसी इस बात की की जब बह यह कह रहे थे कि जेकेट मिलना मुश्किल है उनके चेहरे पर मुश्कान थी अब आप इससे ही अंदाजा लगा सकते है कि बह पहले ही समझ चुके थे कि जेकेट मिलना मुश्किलएक और जहा ममता जी रेलवे में बदलाब कि बात करती है .....बही दूसरी और इस तरह कि करामत हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब इस तरह का माहोल है तो bakayi me बदलाब हो पायेगा या सिर्फ बदलाब कि बाते ही होती रहेगी.............................

Wednesday, February 24, 2010

सचिन तुस्सी ग्रेट हो......................

क्रिकेट का भगबान ,खुदा अगर हम इन शब्दों से उस चमत्कारिक व्यक्ति को नवाजे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी...........इतना सब कहकर उस व्यक्ति का नाम लेना गुस्ताखी होगी तो नाम न लेना नादानी...............जी हा ,हम बात कर रहे है .....सचिन रमेश तेंन्दुलकर .........................जब इस सख्सने पहली बार १९८९ में खेल के मैदान में कदम रखा तो शायद ही किसी ने सोचा होगा की एक दिन यह सख्स उस मुकाम परपहुचेगा जहा से उसे पूरी दुनिया देखेगी...................लेकिन सचिन ने न सिर्फ कदम दर कदम बढ़ाते हुए क्रिकेट के सर्बोच्चशिखर हो छुआ बल्कि बन्दे क्रिकेट इतिहास की अद्वितीय पारी खेलकर यह जाता दिया की उन्हें क्रिकेट का भगबान क्यों कहा जाता है .............अपनी २०० रन की शानदार पारी ने अफ्रीकियों को नतमस्तक होने को मजबूर कर दिया........अपनी इस पारी में में सचिने ने पच्चीस चुके और तीन छक्केलगाये ... वही १९९७ में बने सईद अनवर के तथा काउवेंट्री के १९४ रनों को ध्वस्त करते हुए एक बार फिर जता दिया की सचिने तुस्सी ग्रेट हो.........

Tuesday, February 23, 2010

प्रणब दा से जनता की आस

जैसे जैसे बजट सत्र नजदीक आता जा रहा है जनता की उम्मीदे प्रणब दा से लगातार बदती जा रही है............जनता की अपेक्षाए इस बजट को आम बजट के रूप में प्रस्तुत होने को लेकर है .................लेकिन प्रणब दा के बयां और परिस्थितियों को देखते हुए कम ही कयास लगाये जा रहे है की यह बजट जनता की कसोटी पर खड़ा उतरेगा ......................बजट सत्र को लेकर शेयर मार्केट में भी खलबली का माहोल बना हुआ है ........एसे में देखना होगा की प्रणब के पिटारे से क्या निकलता है......................

Monday, February 22, 2010

अगला निशाना ग्वालियर

जयपुर वनडेमें एकरन की रोमांचक जीत के बाद टीम इंडिया जोश से लबरेज है और जयपुर जैसा जज्वा वह ग्वालियर में भी दिखने को तैयार है वैसे ग्वालियर में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा है एक और जहा टीम इंडिया को आठ मेचों में जीत मिली वाही उसे सिर्फ दो में ही हर का सामना करना पड़ा ..........वसे टीम इंडिया की कमजोरी जयपुर मैच में उजागर ही गई जब जीते हुए मैच को जीतने मई टीम को एडी छोटी का जोर लगाना पड़ा था .............वाही टीम के चारो दिग्गजों का न खेलना भी टीम की चिता का विषय बना हुआ है .......लेकिन धोनी का उसाह देखते ही बनता है.............हाल ही में उनका बयांआया था की टीम के युबा बल्लेबाज ही टीम को जीत दिलाएंगे ...................खेर जो भी हो हम तो यही दुआ करेंगे की टीम पूरी सीरिज में शदर प्रदर्शन करेगी...........

अगला निशाना ग्वालियर

Sunday, February 21, 2010

आखिर जीत लिया मैदान

आखिर धोनी के धुरंधरो ने साबित कर दिया किवह क्यों महान है..... कल जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में जिस अंदाज में धोनी के धुरंधरो ने रोमांचक मैच में अफ्रीका को १ रन से पराजित कर दिया वह कम से कम यही साबित करता है भारतीय टीम मैच के अंतिम समय में जीत के लिए जी जान लगा दिया करती है.... कोलकातामें भारतीय टीम ने अंतिम ओवर में टेस्ट जीत कर इस बात को बखूबी साबित कर दिखाया है..... हमारे इस प्रदर्शन के बारे में लोगो के अलग अलग मत हैpइसमे कोई दो राय नहीं भाररतीय टीम की जीत कि यह गौरव गाथा नयी इबादत लिख रही है.....पहले का दौर एक अलग दौर था॥ उस समय जीत भारत के कदम से मीलो दूर हुआ करती थी... कम से कम अब धोनी के आने के बाद भारतीय टीम की जीत की भूख और ज्यादा बढ गयी है...। इस जज्वे को हमेशा कायम रखने के लिए धोनी एंड कम्पनी को जोश से नहीं होश से कम लेना होगा तभी टीम इंडिया सही मायने में नंबर बन की हक़दार होगी............